‘मैड हनी’
हम सभी ने अपने जीवन में कभी न कभी शहद का सेवन किया है। यह न केवल अपने मिठास के लिए बल्कि अपने औषधीय गुणों के लिए भी जाना जाता है। लेकिन क्या आपने कभी ऐसे शहद के बारे में सुना है जो नशीला हो और जिसके सेवन से मनुष्य के व्यवहार में परिवर्तन आ जाए? शायद आपके लिए यह जानकारी नई होगी कि दुनिया में एक ऐसा भी शहद मौजूद है जिसे ‘मैड हनी’ या ‘पागल करने वाला शहद’ कहा जाता है।
यह अद्वितीय और दुर्लभ ‘मैड हनी’ नेपाल की ऊंची हिमालयी चट्टानों पर पाया जाता है। यह लेख इसी रहस्यमय ‘मैड हनी’ के बारे में गहन जानकारी प्रदान करेगा।
‘Mad Honey’ क्या है?
‘मैड हनी’ कोई साधारण शहद नहीं है। यह एक विशेष प्रकार का शहद है जो नेपाल की ऊंची हिमालयी पहाड़ियों पर उगने वाले रोडोडेंड्रोन नामक फूलों के पराग से तैयार किया जाता है। स्थानीय मधुमक्खियाँ जब इन फूलों का रस इकट्ठा करती हैं, तो उनमें मौजूद एक शक्तिशाली न्यूरोटॉक्सिन (तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करने वाला जहर) ग्रेआनॉक्सिन भी शहद में समा जाता है। यही विषैला तत्व इस शहद को विशेष और खतरनाक बनाता है। यह ‘मैड हनी’ अपने गहरे लाल-भूरे रंग और मजबूत गंध के कारण पहचाना जा सकता है। इसकी विशेषता ही इसकी यही विषाक्तता है, जिसके कारण इसे ‘मैड हनी’ नाम दिया गया है।
‘मैड हनी’ खाने के प्रभाव क्या हैं?
‘मैड हनी’ के प्रभाव पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करते हैं कि इसका सेवन कितनी मात्रा में किया गया है। एक छोटी सी मात्रा, जैसे कि एक चाय का चम्मच भर, भी शरीर पर तत्काल प्रभाव दिखा सकती है। इसके हल्के प्रभावों में चक्कर आना, हल्की मतली, पसीना आना और एक प्रकार का हल्का भ्रम या उत्साह की अनुभूति शामिल हो सकती है। यही कारण है कि कुछ साहसी लोग इसे एक मनोरंजक पदार्थ के रूप में इस्तेमाल करते हैं।
हालांकि, यदि ‘मैड हनी’ की मात्रा थोड़ी सी भी अधिक हो जाए, तो स्थिति गंभीर हो सकती है। अधिक मात्रा में सेवन करने पर तीव्र उल्टी, गंभीर मांसपेशियों में कमजोरी, हृदय गति का अत्यधिक धीमा हो जाना (ब्रैडीकार्डिया), रक्तचाप में भारी गिरावट और सांस लेने में कठिनाई जैसी जानलेवा स्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं। इतिहास में ऐसे उदाहरण मिलते हैं जहाँ प्राचीन यूनानी सैनिकों ने दुश्मन के इलाके में रखे इस शहद को खा लिया था, जिसके बाद वे इतने बीमार और अशक्त हो गए थे कि आसानी से हरा दिए गए। इससे स्पष्ट है कि ‘मैड हनी’ की शक्ति को कभी भी कम नहीं आंकना चाहिए।
‘मैड हनी’ का स्रोत और पारंपरिक महत्व
इस अद्भुत और खतरनाक ‘मैड हनी’ को इकट्ठा करने का काम नेपाल का गुरुंग समुदाय सदियों से करता आ रहा है। यह कार्य अविश्वसन्य रूप से खतरनाक है। गुरुंग समुदाय के लोग, जिन्हें अक्सर ‘हनी हंटर्स’ कहा जाता है, रस्सियों और सीढ़ियों की मदद से सैकड़ों फीट ऊँची खड़ी चट्टानों पर चढ़ते हैं ताकि जंगली मधुमक्खियों के छत्तों तक पहुँच सकें। यह परंपरा पीढ़ी-दर-पीढ़ी चली आ रही है और इसमें जान जोखिम में डालनी पड़ती है।
गुरुंग समुदाय के लोग इस ‘मैड हनी’ का उपयोग केवल एक नशीले पदार्थ के रूप में नहीं, बल्कि एक पारंपरिक दवा के रूप में भी करते हैं। वे इसका इस्तेमाल सर्दी-जुकाम, खाँसी, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और जोड़ों के दर्द जैसी विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए करते हैं। बहुत ही सूक्ष्म और नियंत्रित मात्रा में इस ‘मैड हनी’ को एक टॉनिक के रूप में देखा जाता है। हालाँकि, इन दावों की पुष्टि के लिए अभी तक व्यापक वैज्ञानिक शोध का अभाव है।
वैश्विक बाजार में ‘मैड हनी’ की स्थिति
अपनी दुर्लभता, अनूठेपन और कथित औषधीय गुणों के कारण, इस ‘मैड हनी’ की वैश्विक बाजार में काफी माँग है। साहसिक पर्यटक और जोखिम लेने वाले उपभोक्ता इसे एक अनोखे अनुभव के तौर पर खरीदने को तैयार रहते हैं। इसी माँग के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में ‘मैड हनी’ की कीमत बहुत अधिक है, जो कभी-कभी सैकड़ों डॉलर प्रति किलोग्राम तक पहुँच जाती है।
लेकिन, इसकी विषाक्त प्रकृति को देखते हुए कई देशों में ‘मैड हनी’ के आयात और व्यापार पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। भारत सहित कई nations में इसे एक नियंत्रित पदार्थ माना जाता है। फिर भी, इसके बावजूद, एक अंडरग्राउंड ब्लैक मार्केट में ‘मैड हनी’ की बिक्री जारी है, जो खरीदारों के लिए गंभीर जोखिम पैदा करती है। बिना उचित जानकारी और गुणवत्ता जांच के इस ‘मैड हनी’ को खरीदना स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक साबित हो सकता है।
निष्कर्ष
नेपाल का ‘मैड हनी’ प्रकृति का एक ऐसा विरोधाभास है जो मिठास और जोखिम का अद्भुत संगम प्रस्तुत करता है। एक ओर यह एक सांस्कृतिक विरासत और पारंपरिक चिकित्सा का हिस्सा है, तो दूसरी ओर एक खतरनाक नशीला पदार्थ भी। गुरुंग समुदाय की सदियों पुरानी परंपरा इसे एक सम्मानजनक स्थान देती है, लेकिन इसके गलत इस्तेमाल के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। ‘मैड हनी’ की दुनिया रोमांचक जरूर है, लेकिन इसके बारे में जागरूकता और सावधानी बेहद जरूरी है। यह हमें प्रकृति की शक्ति और मनुष्य के साथ उसके जटिल रिश्ते का एक अनोखा उदाहरण प्रस्तुत करता है। अतः किसी भी रूप में ‘मैड हनी’ का सेवन करने से पहले उसके जोखिमों को समझ लेना ही बुद्धिमानी होगी।